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धनतेरस पर करे राशिनुसार उपाय होगी धन की बरसातइसलिए जरूरी है घर में वास्तु शांति पूजा? – वास्तु शास्त्र टिप्स – isliye jaroori hai ghar mein vastu shanti pooja? – vastu shastra recommendations
बुध ग्रह आशुभ हो या कामजोर हो तो बुध को मजबूत बनाने के लिए हीरा अपने पास रखने से बुध मजबूत होता है।
प्रकृति के सबसे बड़े देवता के रूप में सूर्य ही हैं ऐसे में अपनी किस्मत चमकाने के लिए सूर्य देवता की आराधना करनी चाहिए और प्रतिदिन स्नान आदि करके सूर्य देवता को जल अर्पित करें इससे आपकी किस्मत चमकेगी
कर्म और भाग्य यदि समानांतर चलें तो इंसान रंक से राजा भी बन सकता है. कई बार ऐसा होता है कि अथक परिश्रम करने के बावजूद भाग्य आपका साथ नहीं देता है जिस कारण आप मनमुताबिक सफलता नहीं हासिल कर पाते हैं. लेकिन अगर आप अपने भाग्य को चमकाना चाहते हैं तो अपनाएं ज्योतिष के ये नियम और बन जाएं मुकद्दर के सिकंदर.
ऐसा करने से सफलता के बीच आने वाले सभी रुकावटें दूर होती हैं.
इन अंगों पर तिल है धनवान होने वाले हैं
लोग लोग अपने कर्म से ज्यादा भाग्य पर भरोसा करते हैं। हाथों में भाग्य रेखाएं होती हैं, उसी तरह कुंडली click here में नौवां स्थान भाग्य का माना गया है। हालांकि कर्म और भाग्य दोनों ही एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। कर्म के सिद्धांत को समझे बगैर आप भाग्य को नहीं समझ सकते हैं। यदि किसी से यह कहा जाए कि भाग्य जैसा कुछ नहीं होता तो वह ऐसे कई उदाहरण बता देगा जिसमें भाग्य का रोल रहा है, जैसे किसी की लॉटरी खुल जाना, अचानक किसी का मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बन जाना, आसमान से गिरने के बाद में भी सही-सलामत बच जाना आदि। खैर...
स्टोर रूम की दिशा: घर में हमेशा इस बात का ध्यान रहे कि दक्षिण-पश्चिम या पश्चिमी हिस्से में ही स्टोर रूम बनाया जाए ताकि समृद्धि की राह हमेशा खुली रहे।
किस्मत चमकाने के लिए करें ये उपाय, हो जाएंगे मालामाल
अपने घर के आस-पास कोई ऐसा तालाब, झील या नदी का चयन करें, जहां बहुत सी मछलियां हों। यहां रोज जाकर आटे की गोलियां मछलियों को खिलाएं। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का यह बहुत ही अचूक उपाय है। नियमित रूप से जो यह उपाय करता है, कुछ ही दिनों में उसकी परेशानियां दूर होने लगती हैं।
इन्द्रजाल में होली पर वशीकरण के उपाय
पांच ग्राम डली वाला सुरमा लें ! उसे किसी वीरान जगह पर गाड दें ! ख्याल रहे कि जिस औजार से आपने जमीन खोदी है उस औजार को वापिस न लायें !
कवि की करुण पुकार – आचार्य डॉ अजय दीक्षित “अजय”